जिस पर हो हनुमान की कृपा तकदीर का धनी वो नर है लिरिक्स
जिस पर हो हनुमान की कृपा,
तकदीर का धनी वो नर है,
रखवाला हो मारुती नंदन,
फिर किस बात का डर है,
भजन पवन सुत का कीजिए,
नाम अमृत का प्याला पीजिए।।
शीश मुकुट कान में कुण्डल, लाल सिन्दूर से काया,. लाल लंगोटे वाला हनुमत, माँ अंजनी का जाया, नाश करे दुष्टों का, भक्तों का भय लेता हर है,. रखवाला हो मारुती नंदन, फिर किस बात का डर है, भजन पवन सुत का कीजिए, नाम अमृत का प्याला पीजिए।।
आई घड़ी जब जब दुविधा की, राम के काम बनाए, मात सिया वरदान दिया,. संकट मोचन कहलाए, पूजा मंगल शनि करे, मंगल होता उस घर है, रखवाला हो मारुती नंदन, फिर किस बात का डर है, भजन पवन सुत का कीजिए, नाम अमृत का प्याला पीजिए।।
बल देते हो निर्बल को,. निर्धन को माया देते, रोग कष्ट कटते रोगी को, निर्मल काया देते,' 'लख्खा' की भी सुध लेना, चरणों का 'सरल' चाकर है, रखवाला हो मारुती नंदन, फिर किस बात का डर है, भजन पवन सुत का कीजिए, नाम अमृत का प्याला पीजिए।।
जिस पर हो हनुमान की कृपा, तकदीर का धनी वो नर है, रखवाला हो मारुती नंदन, फिर किस बात का डर है, भजन पवन सुत का कीजिए, नाम अमृत का प्याला पीजिए।।
स्वर - श्री लखबीर सिंह लख्खा जी।
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